भारतीय निवेशकों में ETF भी लोकप्रिय हो रहे हैं। ETF का अर्थ है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, यानी ऐसे फंड जो स्टॉक की तरह ट्रेड होते हैं।

ETF में निवेश करते समय कभी-कभी निवेशक ऐसे ETF में निवेश कर देते हैं, जिसे वे जब बेचना चाहें, तो बेच नहीं पाते या ETF की सही कीमत नहीं मिलती है।

यह Liquidity, यानी तरलता की कमी के कारण होता है, अर्थात् बायर और सेलर्स की संख्या कम होना। इसे ही तरलता की समस्या कहते हैं।

तरलता की समस्या के समाधान के लिए ज्यादा वॉल्यूम में ट्रेड होने वाले ETF में निवेश करें। ज्यादा वॉल्यूम वाले ETF का पता लगाने के लिए NSE के इस लिंक पर क्लिक करें।

NSE वेब के इस पेज पर आने के बाद, यहां वॉल्यूम वाले फ़िल्टर पर डबल क्लिक करना है। सबसे ज्यादा वॉल्यूम यानी तरलता वाले ETF आपके सामने आ जाएंगे, इनमें से आप आसानी से चुन सकते हैं।

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