CREDIT CARD RULES आपको जानना क्यों जरूरी है?
क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय उत्पाद है जो बैंक, एनबीएफसी या कुछ क्रेडिट कार्ड नेटवर्क द्वारा जारी किए जाते हैं। पहले क्रेडिट कार्ड केवल अमीर लोगों के पास होते थे, लेकिन वर्तमान में यह आपको रेहड़ी वाले से लेकर गाड़ी चालक तक सभी के पास मिल सकते हैं।
ऐसे में यह जरूरी होता है कि क्रेडिट कार्ड के नियम (CRDIT CARD RULES)सभी को पता हों, विशेष तौर से ऐसे व्यक्ति जिसने पहली बार क्रेडिट कार्ड लिया है, जिसने क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया हो या क्रेडिट कार्ड धारक हो।
हालांकि क्रेडिट कार्ड एक अच्छी सुविधा है, लेकिन अगर इनके नियमों का पालन नहीं किया जाए तो बड़ी आर्थिक परेशानी में पड़ सकते हैं। इन परेशानियों को देखते हुए बहुत से व्यक्ति क्रेडिट कार्ड लेने से बचते हैं।
इस लेख का मुख्य उद्देश्य आपको क्रेडिट कार्ड के महत्वपूर्ण नियमों (CRDIT CARD RULES)के बारे में बताना है। यदि आप इन्हें जान लेते हैं, तो आप बिना तनाव के क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड के कुछ महत्वपूर्ण नियम
1. अगर आपने नया कार्ड लिया है पर उसे काम नहीं लेना चाहते तो क्या करें:-
यदि आपने क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया है, या आपको कार्ड भी मिल गया है और अब आपका मन बदल गया है और आप कार्ड नहीं रखना चाहते तो आपके पास विकल्प है कि आप कार्ड को सक्रिय न करें।
crdit card सक्रिय करने का अर्थ है कि आपको क्रेडिट कार्ड कंपनी का फोन आएगा जिसमें वह आपसे कार्ड सक्रिय करने के लिए कहेंगे, परंतु आपने मना कर दिया तो आपका कार्ड बंद हो जाएगा।
इसके अलावा, अगर आप कार्ड का पिन जनरेट नहीं करते हैं तो भी कार्ड 37 दिन के बाद अपने आप कंपनी को बंद करना पड़ेगा।
इसलिए, अगर आपने गलती से कोई कार्ड ले भी लिया है तो इसे बंद करवा सकते हैं। और आपको किसी प्रकार के शुल्क या फीस का भुगतान भी नहीं करना पड़ेगा।
2. बिलिंग साइकिल के नियम:-
प्रत्येक क्रेडिट कार्ड का एक बिलिंग साइकिल होता है, जिसमें प्रत्येक महीने की एक निश्चित तारीख को कार्ड का बिल बनता है और उसके भुगतान के लिए 15 दिन का समय मिलता है।
उदाहरण के लिए, यदि आपके कार्ड का बिल हर महीने की 15 तारीख को बनता है, तो अगले महीने की 5 तारीख को भुगतान करना होगा।
रुकीए जरा, इसमें एक फायदेमंद बात बता देता हूं। यदि किसी कारणवश आप ड्यू डेट को पेमेंट करना भूल जाते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं। आपको RBI के नियमानुसार 3 दिन का ग्रेस पीरियड भी मिलेगा, जिसमें आप भुगतान कर देते हैं तो आपको किसी ब्याज या पेनल्टी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
3. आपके खर्चे कब बिलिंग में शामिल होते हैं:-
इसके लिए उदाहरण लेते हैं, मान लें कि आपके कार्ड का बिल सितंबर 2024 की 15 तारीख को बनता है और भुगतान अक्टूबर 2024 की 5 तारीख को करना है। ऐसी स्थिति में, आपके 15 सितंबर 2024 के बाद के खर्च अगले महीने की 15 तारीख यानी कि अक्टूबर 2024 की 15 तारीख के बिल में शामिल होंगे, और उसका भुगतान अगले महीने की नवंबर 2024 की 5 तारीख तक करना पड़ेगा। इसका अर्थ है कि आपको 45 से 50 दिन की क्रेडिट मिल जाती है, इसलिए समझदारी से उपयोग करना चाहिए।
4. आरबीआई का नया नियम:-
इस नियम के तहत आप अपनी बिलिंग साइकिल अपने हिसाब से निर्धारित कर सकते हैं। इसके लिए आपको क्रेडिट कार्ड कंपनी में कॉल करना पड़ेगा।
5. न्यूनतम देय राशि का नियम:-
यह सबसे घातक नियम है, जिसकी जानकारी आपको होनी चाहिए। आपने बिलिंग स्टेटमेंट में देखा होगा कि टोटल देय अमाउंट और मिनिमम देय अमाउंट में बहुत बड़ा अंतर होता है।
बहुत से क्रेडिट कार्ड धारक मिनिमम देय का भुगतान कर देते हैं बिना यह जाने कि मिनिमम देय केवल इसलिए होता है ताकि आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर सकें।
यदि आप केवल मिनिमम देय का भुगतान करते हैं और टोटल देय का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको बाकी राशि पर 30 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है। इसलिए मिनिमम या न्यूनतम देय राशि केवल एक भ्रम जाल है, इसमें ना फसे। और अपने बिल की संपूर्ण राशि का भुगतान करें।
6. बकाया राशि पर ब्याज के नियम:-
आपको बता दूं कि भारत का सूदखोरी निरोधक कानून इन क्रेडिट कार्ड कंपनियों पर लागू नहीं होता है और आरबीआई द्वारा भी आउटस्टैंडिंग पर ब्याज की दर पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसलिए ये क्रेडिट कार्ड कंपनियां 20 से लेकर 35 प्रतिशत ब्याज चार्ज करती हैं, जबकि सूदखोरी निरोधक कानून में 18 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज लेने का प्रावधान नहीं है।
7. क्रेडिट कार्ड का उपयोग और आपका सिबिल स्कोर:-
यदि 1 महीने का आउटस्टैंडिंग है और ड्यू डेट के बाद भी आपने ब्याज सहित भुगतान कर दिया है, तो क्रेडिट कार्ड कंपनी इसकी रिपोर्ट क्रेडिट ब्यूरो को नहीं करेगी।
यहां जानने योग्य बात यह है कि आपको क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का उपयोग इमरजेंसी परिस्थितियों को छोड़कर नहीं करना चाहिए ।
आपके credit card लिमिट का 50 प्रतिशत से ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है।
अब जानते हैं क्रेडिट कार्ड से जुड़े कुछ टिप्स और सावधानियां।
(A)अगर आपको अपना क्रेडिट कार्ड बंद कराना है, तो आपको कॉल करके कार्ड बंद कराने का आवेदन करना होगा। बकाया बकाया का भुगतान करने पर कार्ड बंद कर दिया जाएगा।
(B)जहां तक हो सके, ऐसा क्रेडिट कार्ड चुनें जिसमें आपको कोई जॉइनिंग फीस या एनुअल फीस न देनी पड़े, क्योंकि क्रेडिट कार्ड कंपनियों में प्रतिस्पर्धा के कारण आपको ऐसे कार्ड आसानी से मिल जाएंगे। इसके अलावा, अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर भी आपको कैशबैक क्रेडिट कार्ड मिल जाएंगे, जिसमें कोई जॉइनिंग फीस या एनुअल फीस नहीं होती है।
(C)दूसरा, आप चाहें तो अपना क्रेडिट कार्ड नेटवर्क भी परिवर्तित कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन करना होगा।
(D)अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स फोन पर किसी को न बताएं और न ही OTP या CVV नंबर दें। क्रेडिट कार्ड कंपनियां कभी भी आपसे फोन पर क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स नहीं मांगतीं, केवल अंतिम चार अंक मांग सकती हैं।
क्रेडिट कार्ड एक सुविधा है, इसे एटीएम की जगह उपयोग करने से बचें जब तक कि आपात स्थिति न हो।
निष्कर्ष:-
विशेष संदेश :-
अब बात कर लेते हैं क्रेडिट कार्ड की आउटस्टैंडिंग पर रेट ऑफ़ इंटरेस्ट कितना लगता है , 25—35 प्रतिशत प्रति वर्ष। जब सूदखोरी कानून में भी 18 प्रतिशत वार्षिक इंटरेस्ट से ज्यादा को अवैध माना जाता है, तो ये इतना इंटरेस्ट कैसे चार्ज कर सकते हैं? पर सब चल रहा है।
इस बात का वर्तमान में मतलब इसलिए है क्योंकि पहले क्रेडिट कार्ड विलासिता का प्रतीक थे, यानी कि अमीर लोग इनका उपयोग करते थे, पर अब चूंकि रेहड़ी वाले भी इसका उपयोग कर रहे हैं, तो ये विचारणीय विषय है। शायद सरकार और RBI को इस बारे में सोचना चाहिए।
भारत में जितने भी फाइनेंस एक्ट और कानून हैं, सब में कुछ न कुछ कमियां हैं, जिसका फायदा ये क्रेडिट कार्ड कंपनियां उठाती हैं। वास्तव में इनका मकसद कंज्यूमर्स को लूटना ही है, पर कानूनी फॉर्मेलिटीज का पालन करके।
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