HOW TO INVEST IN GOLD ?जानते हैं वर्तमान में, सोने में निवेश के विभिन्न विकल्प और उनकी विशेषताएं ।
2024 में, जब मैं यह लेख लिख रहा हूं, तो सोने की कीमत लगभग 75,000 रुपये के करीब है। सोने की बढ़ती कीमतों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है कि वे सोने में निवेश करें।परंतु HOW TO INVEST IN GOLD ?यह एक बड़ा प्रश्न है।सोने में निवेश और अन्य निवेशों में अंतर यह है कि सोना एक भौतिक संपत्ति है, जिसका मूल्य बढ़ता या घटता रह सकता है, लेकिन इसके वजन और गुणवत्ता में कोई परिवर्तन नहीं होता।
वर्तमान में, सोने में निवेश के कई विकल्प हैं, जिससे निवेशकों के लिए सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आइए जानते हैं सोने में निवेश के विभिन्न विकल्प और उनकी विशेषताएं ताकि आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही विकल्प चुन सकें
सोने में निवेश के विकल्प
1. भौतिक सोना (PHYSICAL GOLD)
यह सोने में निवेश का सबसे पुराना तरीका है, अधिकांश भारतीय सोने में निवेश के लिए ज्वेलरी, सिक्के या सोने के बार खरीदते हैं।वर्तमान में भी भारत में सोने का भौतिक निवेश अन्य सोने के निवेश के तरीकों में सबसे ज्यादा है।
फायदे:-
भौतिक सोना एक ऐसी संपत्ति है जो आपातकाल में काम आ सकती है और जरूरत पड़ने पर इसे तुरंत नकद में बदला जा सकता है। इसलिए, ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सोने को भौतिक रूप में खरीदना सही मानते हैं। भारत में शादी विवाह याअन्य उत्सव में डायमंड ज्वेलरी की जगह सोने की ज्वेलरी को ज्यादा महत्व दिया जाता है। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में अब प्लेटिनम और डायमंड ज्वेलरी भी खरीदी जाने लगी है।
नुकसान:-
भौतिक सोना, जैसे ज्वेलरी,सिक्के या सोने के बार चोरी होने या खोने का खतरा रखता है।
ज्वेलरी आमतौर पर 24 कैरट सोने की नहीं होती है, और यदि ज्वेलरी को आप विक्रेता के पास बेचने जाते हैं, तो वह आपको 10 से 15 प्रतिशत राशि काटकर भुगतान करता है। और जब आप खरीदने जाते हैं, तब भी आपको 24 कैरेट के भाव में 22 कैरेट का गोल्ड दिया जाता है।
अगर आप सोने को सुरक्षा के लिए लॉकर में रखते हैं, तो लॉकर का किराया भी आज की तारीख में कम से कम 5000 प्रति वर्ष से कम नहीं है।
भौतिक सोना खरीदने में सबसे बड़ी समस्या सोने की शुद्धता की है। अगर आप सावधान न रहें, तो आपको 24 कैरेट की जगह 22 कैरेट या 18 कैरेट का सोना भी दिया जा सकता है। हालांकि, अब हॉलमार्किंग जैसे नियमों से इसकी संभावना कम हुई है।
2.कागज़ी सोना
भौतिक सोने में निवेश के अलावा वर्तमान में सोने में निवेश के नए तरीके भी उपलब्ध हैं, जिनको कागज़ी सोना (DIGITAL GOLD) कहते हैं, अर्थात् इनकी वैल्यू सोने के मूल्य के समान होती है, परंतु ये वास्तविक सोना नहीं होते हैं, आइए जानते हैं।
(A)गोल्ड ETF:-
गोल्ड ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) एक म्यूचुअल फंड की तरह का फंड होता है, लेकिन इसमें निवेश करने के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है। गोल्ड ETF एक ऐसा वित्तीय उत्पाद है जो स्टॉक की तरह शेयर मार्केट में ट्रेड करता है और हर दिन इसके प्राइस परिवर्तित होते हैं। वास्तव में, गोल्ड ETF का प्राइस वास्तविक सोने की कीमतों को ट्रैक करता है और सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के अनुसार उनके मूल्य में वृद्धि या कमी होती है।
फायदे:
आप गोल्ड ETF में SIP कर सकते हैं और यह निवेश 100 रुपये से भी शुरू किया जा सकता है।
इसमें तरलता होती है और आप इसे बेचने पर उस दिन के सोने की कीमत के अनुसार पैसे प्राप्त कर सकते हैं।
ETF की सुरक्षा के लिए कोई अलग से लॉकर लेने की आवश्यकता नहीं होती; यह आपके डिमैट खाते में सुरक्षित रहता है।
निवेश सुविधाजनक होता है और साथ ही ये आपके निवेश को विविधता भी देता है।
नुकसान:
गोल्ड ETF में भौतिक स्वामित्व की कमी होती है, जिससे कुछ निवेशकों को संतोष नहीं होता।
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे आपका निवेश जोखिम में पड़ सकता है।
गोल्ड ETF पर लागू टैक्स नियमों को समझना कठिन हो सकता है, खासकर जब आप लाभ निकालते हैं।
अगर बाजार में मांग कम है, तो ETF बेचना मुश्किल हो सकता है।
(B). डिजिटल गोल्ड:-
डिजिटल गोल्ड एक नए प्रकार का सोने में निवेश का तरीका है जो कुछ बैंक और डिजिटल पेमेंट करने वाले ऐप्स या वॉलेट द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इनका सोने की प्रामणिक संस्थानों या गोल्ड फंड से अनुबंध होता है। इसमें निवेशक 1 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, और आप इसकी भौतिक डिलीवरी या नकद भुगतान भी ले सकते हैं।
फायदे:-
डिजिटल गोल्ड में निवेश के लिए आपको कोई औपचारिकता नहीं करनी होती।
आप इसे ऑनलाइन बेच सकते हैं और पैसे आपके खाते में आ जाते हैं।
नुकसान:-
यदि डिजिटल वॉलेट कंपनी किसी कारण से बंद हो जाती है, तो आपके निवेश के डूबने का खतरा होता है। जैसा हाल ही में एक वॉलेट के साथ ऐसा होने की संभावना हो गई थी।
इसमें ट्रांजैक्शन चार्ज अधिक होते हैं, और निवेश के तरीकों की अपेक्षा खरीदते समय और बेचते समय ज्यादा चार्ज लगते हैं।
(C) गोल्ड म्यूचुअल फंड:-
जैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड इक्विटी में निवेश करते हैं, वैसे ही गोल्ड म्यूचुअल फंड गोल्ड और गोल्ड ETF में निवेश करते हैं।गोल्ड म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए डिमैट अकाउंट होना आवश्यक नहीं है। इसमें अन्य म्यूचुअल फंड की तरह ही निवेश किया जा सकता है।
फायदे:-
गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश को कभी भी बेचा जा सकता है, जिससे आपको त्वरित नकद उपलब्धता मिलती है। इसमें गोल्ड ETF की तुलना में तरलता अधिक है, अर्थात आप आसानी से बेच सकते हैं, जबकि ETF में कभी-कभी तरलता नहीं होती।
गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश सुविधाजनक होता है और साथ ही ये आपके निवेश को विविधता भी देता है।
नुकसान:-
यदि आप गोल्ड म्यूचुअल फंड को लंबे समय तक नहीं रखते हैं, तो आप अपेक्षित रिटर्न नहीं प्राप्त कर सकते।
गोल्ड म्यूचुअल फंड में प्रबंधकीय शुल्क होते हैं, जो आपकी कुल रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।
(D). सरकारी सेवेरन गोल्ड बॉन्ड:- (Government Gold Bond Scheme)
भारतीय सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले ये बांड सोने में निवेश करने का एक विकल्प हैं। यह बांड सोने की कीमतों से जुड़ा होता है और इसका मूल्य सोने की बाज़ार दरों पर आधारित होता है। इसमें निवेशक एक ग्राम से लेकर अधिकतम 4 किलोग्राम सोने के बांड में निवेश कर सकते हैं।
GOLD बांड की अवधि 8 साल होती है, लेकिन निवेशक 5 साल के बाद बांड को भुनाने की सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं।
फायदे:-
इन बांड्स पर सालाना 2.5% का निश्चित ब्याज मिलता है, जो हर छह महीने में दिया जाता है।
बांड के कार्यकाल के अंत में बांड को भुनाने पर किसी भी लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है।
चूंकि ये बांड सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं, इसलिए अधिक विश्वसनीय होते हैं, निवेशक अधिक भरोसा कर सकते हैं।
यह सरकार की अन्य बचत योजनाओं में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली योजना है।
नुकसान:-
तरलता की कमी के कारण बांड को केवल 5 वर्ष के बाद भुनाया जा सकता है, जिससे आपातकालीन वित्तीय जरूरतों के लिए यह तत्काल धन उपलब्ध नहीं कराता है।
यदि आप इसे सेकंडरी मार्केट में बेचते हैं, तो आपको नियमानुसार टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।
यदि आपकी निवेश अवधि समाप्त होती है और किसी कारण से उस समय सोने का मूल्य कम हो जाता है, तो आपके निवेश पर रिटर्न भी कम हो सकता है ।
इस विषय में ज्यादा जानकारी या इससे जुड़े प्रश्नों के उत्तर के लिए RBI की वेबसाइट के FAQ पेज पर क्लिक करें।
निष्कर्ष:-
सोने में निवेश के कई विकल्प हैं, और निवेशकों को अपने लक्ष्यों, समय सीमा और जोखिम की स्थिति के अनुसार सही विकल्प चुनने की आवश्यकता है। चाहे भौतिक सोना हो, गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड बॉन्ड गोल्ड या म्यूचुअल फंड हर विकल्प के अपने फायदे और नुकसान हैं। सही जानकारी और समझ के साथ, आप अपने लिए सर्वोत्तम विकल्प का चयन कर सकते हैं।
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