KONSA MUTUAL FUND SAHI HAI? विस्तार से जानते है।
जब मैंने पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश किया, तो किसी ने सलाह दी कि म्यूचुअल फंड में निवेश कर दो, और मैंने उसकी सलाह पर उस फंड में निवेश कर दिया, बिना यह जाने कि वह फंड किस प्रकार का है, इसमें किस प्रकार की संपत्तियों में निवेश किया गया है।और मेरे लिए liye konsa mutual fund sahi hai.
इसके बाद मैंने इस संबंध में रिसर्च करना शुरू किया और पता लगाया कि मेरे द्वारा निवेशित म्यूचुअल फंड किस प्रकार का है और इसमें कितना जोखिम है। मेरी रिसर्च में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निकलकर आए जो मैं आपके साथ बिंदुवार शेयर कर रहा हूँ ।
म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?
म्यूचुअल फंड :- वास्तव में, कंपनियों के वित्तीय उत्पाद होते हैं जो कुछ संपत्तियों में निवेश करते हैं, जिनमें कंपनियों के स्टॉक्स और कीमती धातुएं शामिल होती हैं।
इन म्यूचुअल फंड्स को कुछ उच्च गुणवत्ता और ज्ञानवान व्यक्ति संचालित करते हैं, जिन्हें फंड मैनेजर कहा जाता है। इन फंड मैनेजर्स की जिम्मेदारी होती है कि वे निवेशकों के निवेश को जोखिम से बचाकर अच्छा रिटर्न कमाने में मदद करें।
म्यूचुअल फंड को केवल उनकी निवेशित संपत्तियों के आधार पर ही जाना जाता है, क्योंकि एक ही तरह की संपत्तियों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड दूसरे फंड हाउस अलग-अलग नाम से जारी कर सकते हैं।
इसीलिए, कौन सा फंड हाउस या बैंक का म्यूचुअल फंड सही है, इसे जानने से बेहतर है कि यह जाने कि उस फंड की निवेशित संपत्तियां कौन सी हैं,उसमें जोखिम कितना है, और आप निवेश से क्या अपेक्षा रखते हैं?
म्यूचुअल फंड के प्रकार
हमने जानकी कि म्यूचुअल फंड्स वित्तीय कंपनियों के वित्तीय उत्पाद होते हैं, जिसमें निवेशक अपने पैसे निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड्स के फंड मैनेजर होते हैं जो निवेशकों से एकत्रित किया गया पैसा पूर्वनिर्धारित संपत्तियों में निवेश करते हैं। वस्तुतः म्यूचुअल फंड्स को उनकी निवेश की गई संपत्तियों के आधार पर निम्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है।
ऊपर हमने म्यूचुअल फंड के प्रकार जाने हैं। अब सही म्यूचुअल फंड कैसे चुनें, जिससे आपका निवेश भी सुरक्षित रहे और आपको अच्छा रिटर्न भी मिले, इसके लिए अपना विश्लेषण कीजिए और निवेश हेतु सही म्यूचुअल फंड का चयन कीजिए।
सही म्यूचुअल फंड कैसे चुनें
विश्लेषण में इन बातों को ध्यान में रखने से आपको मदद मिलेगी।
- फंड मैनेजर: फंड मैनेजर के बारे में जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। फंड मैनेजर ही किसी फंड के बेहतरीन प्रदर्शन के पीछे होते हैं। वे अपनी क्षमता के आधार पर सही एसेट्स में निवेश करते हैं, इसलिए इसके बारे में जान लेना बेहतर होगा।
- जोखिम लेने की क्षमता: म्यूचुअल फंड का चयन करते समय जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रखकर फंड का चयन करना चाहिए, न कि बस किसी की सलाह पर निवेश कर देना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक युवा व्यक्ति की जोखिम उठाने की क्षमता अधिक होती है जबकि वृद्ध व्यक्ति की जोखिम लेने की क्षमता कम होती है। उसी प्रकार के म्यूचुअल फंड का चयन करना चाहिए।
- संतुलित निवेश :- निवेशकों को अपना निवेश एक ही प्रकार के म्यूचुअल फंड जैसे कि इक्विटी आधारित में निवेश करने के बजाय, विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड जैसे डेब्ट, मेटल आदि में संतुलित रूप से निवेश करना चाहिए।
- निवेश की अवधि: आप कितनी अवधि के लिए निवेश करते हैं, इसका भी आपके म्यूचुअल फंड चयन पर प्रभाव होता है। उदाहरण के लिए:-
- (A) अगर आप 2-3 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो डेब्ट फंड सही होगा क्योंकि इसके रिटर्न फिक्स रहते हैं, भले ही बाजार गिर जाए।
- (B) अगर आप 4-5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो हाइब्रिड फंड सही होंगे क्योंकि इसमें आपको बाजार के फायदे के साथ निवेश की सुरक्षा मिलेगी।
- (C) अगर आपकी निवेश अवधि 8 साल से ज्यादा है, तो आपको इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए क्योंकि इसमें बाजार का लंबी अवधि में अपट्रेंड का फायदा मिलेगा।
निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड्स की ओर क्यों बढ़ता जा रहा है।
परंपरागत निवेश योजनाओं जैसे बैंक FD, RD, PPF, और किसान विकास पत्र में निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहता है, लेकिन इनसे मिलने वाला रिटर्न महंगाई के कारण उचित नहीं होता।
महंगाई बढ़ने से निवेश की खरीद शक्ति घट जाती है। इसके विपरीत, म्यूचुअल फंड्स लंबी अवधि में 12-15% का रिटर्न दे सकते हैं, जिससे महंगाई के प्रभाव को सीमित किया जा सकता है। संतुलित ढंग से निवेश करने पर, म्यूचुअल फंड्स परंपरागत योजनाओं से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
निष्कर्ष: इस लेख में हमने जाना कि म्यूचुअल फंड क्या है, यह कितने प्रकार के होते हैं, और निवेश हेतु म्यूचुअल फंड का चयन करते समय क्या ध्यान में रखना चाहिए। उम्मीद करता हूँ कि इस लेख से आपको मदद मिलेगी और आपके म्यूचुअल फंड के बारे में जो भ्रम है, वह दूर होंगे।
अस्वीकृति: लेखक का उद्देश्य केवल लोगों को जागरूक करना है और किसी प्रकार के निवेश की सलाह नहीं दी जाती है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर निवेश करें।