Offline Fraud आंखों के सामने ठगी के तरीके।
दोस्तों आपने ऑनलाइन स्कैम तो सुना ही होगा, पर क्या आप Offline fraud ऑफलाइन स्कैम या धोखाधड़ी के बारे में जानते हैं? नहीं तो फिर शुरू करते हैं नई सीरीज ऑफलाइन फ्रॉड्स के बारे में।
ऑफलाइन फ्रॉड्स के बारे में जानने से पहले मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ, जब किसी के घर में चोरी होती है तो घरवालों को पता नहीं चलता कि मेरे घर पर चोरी हो गई है, लेकिन ठगी या ठग विधा में आप खुद अपने पैसे ठगों को दे देते हो। यही अंतर है चोरी और ठगी में। इस सीरीज में मैं आपको ऑफलाइन ठगी के बारे में बताऊँगा।
ऑफलाइन ठगी के ऐसे-ऐसे तरीके मैं बताऊँगा कि आप हैरान हो जाओगे और सोचोगे कि क्या ऐसी भी ठगी की जा सकती है!
offline fraud or आपकी इंसानी भावनाएँ
पर इन ठगी के सारे तरीकों में एक बात कॉमन है कि ऑफलाइन के इन ठगी के तरीकों में आपकी इंसानी भावनाओं का उपयोग किया जाता है, जिसके बारे में मैंने पहले भी एक आर्टिकल लिख चुका हूँ, जिसका लिंक नीचे है, आप पढ़ लेना।
पर फिर भी मैं एक बार आपको बता देता हूँ कि आपके लालच, डर, और दया-प्रेम जैसे इमोशन्स को हथियार बनाकर ठग आपके साथ ठगी करते हैं।
कलर बैटिंग: पहला ऑफलाइन (OffLine Fraud) ठगी का लेख
आज मैं जिस स्कैम की बात कर रहा हूँ, यह ऐसा स्कैम है जिसमें आप खुद ठगों को अपनी जेब से पैसे निकालकर देते हो। और यह मेरे दोस्त अर्जुन के साथ तब हुआ, जब हम घूमने गए थे। वहाँ सड़क किनारे एक व्यक्ति और उसके ग्रुप के 5 से 7 लोग स्टॉल लगाकर तीन रंग की प्लेट के साथ लोगों को एक गेम खिला रहे थे।
इसमें आपको किसी विशेष रंग पर पैसे लगाना होता है। अगर वह रंग खुल जाता है, तो आपको दुगने पैसे मिलते हैं। मेरे दोस्त अर्जुन के साथ यहाँ पर 500 रुपये की ठगी हुई। वह और ज़्यादा हार सकता था, लेकिन मैंने उसे समय से रोक लिया।
यहाँ जो गेम खेला जा रहा था, उसमें हम जैसे पढ़े-लिखे लोग भी आसानी से ठगे जा सकते हैं। क्योंकि यह इतना मनोवैज्ञानिक रूप से अंजाम दिया जाता है कि आपको पता भी नहीं चलता कि आपके साथ ठगी हो गई है। आप आँख मूँदकर पैसे खो देते हो।
कैसे अंजाम दिया जाता है?
तो मैं बताता हूँ यह कैसे अंजाम दिया जाता है। इसमें एक ग्रुप होता है, जिसमें 5 से 7 व्यक्ति किसी मेले में स्टॉल लगाकर या किसी ट्रेन में यह ठगी करते हैं।
इस ग्रुप में एक व्यक्ति के पास तीन प्लास्टिक की प्लेट्स होती हैं, जिनमें अलग-अलग रंग छपे होते हैं। वह व्यक्ति लोगों के सामने उन प्लेट्स को बार-बार बदलकर रखता है।
इसमें लोगों को उन प्लेट्स पर पैसे लगाने के लिए कहा जाता है। लेकिन वह व्यक्ति पहले से ही प्लेट्स के रंग को बदल चुका होता है।
आपको लगता है कि जिस प्लेट के नीचे आपने सोचा था वह रंग है, वही है, और आप उस पर पैसे लगा देते हैं। परंतु, वह रंग दूसरा निकलता है और आपके पैसे ठग लिए जाते हैं।
इस ठगी में मानवीय मनोविज्ञान का उपयोग किया जाता है। इसमें आपकी लालच और भावनाओं को ट्रिगर किया जाता है।
और इसे इतनी सफाई से अंजाम दिया जाता है कि आप सोच भी नहीं सकते।
इसके लिए इस ग्रुप के कुछ लोग खुद खिलाड़ी बनकर आपके सामने पैसे जीतते हैं और कुछ लोग हारते हैं।
साथ ही, इस ग्रुप का कोई व्यक्ति दूर से आकर पैसे लगाता है, जिससे आपको लगता है कि वास्तव में ऐसा हो सकता है।
पैसे डबल होने का लालच आपकी भावनाओं को और अधिक ट्रिगर करता है, और आप भी पैसे लगाने लगते हैं।
और इसी ग्रुप के कुछ व्यक्ति आकर वहाँ बोलते हैं कि ये लोग आपको बेवकूफ बना रहे हैं। वहीं दूसरा व्यक्ति दावा करता है कि नहीं, यह गलत नहीं है। जो व्यक्ति मना करता है, वह भी इसी ग्रुप का सदस्य होता है, और जो दावा करता है कि यह गेम सही है, वह भी उनके ग्रुप का ही व्यक्ति होता है।
इसके बाद, जो व्यक्ति मना कर रहा होता है, उसके सामने ही दूसरा व्यक्ति पैसे लगाकर जीत जाता है। यह सब आपके सामने होता है, जिससे आपको विश्वास हो जाता है कि यह गेम सही है।
इस विश्वास के कारण आप खुद अपनी जेब से पैसे निकालकर ठगों को दे देते हैं। इसलिए ऐसे स्कैम से बचकर रहें।
बचाव के तरीके
सभी ऑनलाइन स्कैम्स या ऑफलाइन स्कैम्स में आपकी इंसानी भावनाओं को ट्रिगर करके ठगी की जाती है।
इसलिए, कभी भी लालच, डर, या दया जैसे भावनाओं में आकर आर्थिक निर्णय लेने से बचें। और हां, “लालच बुरी बला है” यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी।
बस आप खुद ऐसे लोगों से दूर रहें और इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि आपके जानने वाले भी इस स्कैम से बच सकें। धन्यवाद!
उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आएगा।
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