Smart Investment

SMART INVESTMENT टिप्स जो आपके म्यूचुअल फंड निवेश का रिटर्न बढ़ा सकते है ।

हम जानेंगे ऐसे SMART INVESTMENT तरीके जो हमारे निवेश का रिटर्न बढ़ा सकते हैं। इसी श्रृंखला में आज का पहला लेख म्यूचुअल फंड पर आधारित है। तो शुरू करते हैं।

आप म्यूचुअल फंड का नाम सुनते ही डर जाते हैं क्योंकि आप जानते हैं कि ये शेयर मार्केट से जुड़े हैं और अधिकांश भारतीय शेयर मार्केट को सट्टा मार्केट समझते हैं।लेकिन रुकिए, ऐसा बिल्कुल नहीं है!

शेयर मार्केट कोई सट्टा नहीं है; बल्कि, जो लोग इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, उन्होंने इसे सट्टा बना रखा है और साथ में बदनाम भी कर रखा है,जबकि शेयर मार्केट दीर्घकालिक धन सृजन का सबसे बड़ा जरिया है।

इसलिए अपनी मानसिकता को बदले।इसको बदलने के लिए सीधा सा तरीका है कि आप म्यूचुअल फंड में भी वही पैसे लगाएं जिनकी जरूरत आपको तुरंत या आपात स्थिति में न हो।जब आपकी मानसिकता बदल गई है, तो आगे बढ़ते हैं अपने अगले कदमों पर।

SMART INVESTMENT TIPS म्यूचुअल फंड निवेश का प्लान कैसे बनाएं।

जब आपने म्यूचुअल फंड में निवेश करने का निर्णय लिया है, तो ये टिप्स आपको कुछ काम आएंगे।अपनी निवेश योजना बनाते समय इनका ध्यान रखना है ।

1. निवेश की योजना बनाएं

पहले आप ये प्लान बनाएं कि आप कितने साल तक निवेश करना चाहते हैं। मेरा मानना है कि आपको कम से कम 10 साल तक निवेश के बारे में सोचना चाहिए।

2. बजट चेक करें

दूसरा, आप अपना बजट चेक करें और देखें कि आप बिना किसी दिक्कत के हर महीने कितना निवेश कर सकते हैं। ये राशि सभी के लिए अलग-अलग होती है।आप इसे 100 रुपये प्रति माह से शुरू कर सकते हैं।

3. निवेश राशि तय करें

अब जब आपने निवेश राशि तय कर ली, तो आपको ये तय करना है कि कितनी राशि आप 10 साल के लिए हर महीने निवेश कर सकते हैं।

और कितनी राशि ऐसी है जिसकी जरूरत आपको कभी भी पड़ सकती है।जो राशि आपके तुरंत जरूरत वाली है, उसे आप FD कर दीजिए ताकि जब तक आपको जरूरत न हो, उस पर कुछ ब्याज आय प्राप्त हो जाए।

Smart Investment Tips म्यूचुअल फंड स्कीम का चुनाव, इसे मैं आसान कर देता हूँ।

SMART INVESTING MUTUAL FUNDS TYPES
म्यूचुअल फंड के प्रकार को जानने के लिए इमेज पर या https://www.mkfinblog.com/konsa-mutual-fund-sahi-hai/क्लिक कीजिए।

जब आपने निवेश अवधि और निवेश राशि निर्धारित कर ली, तो अब आपके सामने समस्या आएगी कि कौन सी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करूँ।यह प्रश्न इसीलिए पैदा होता है क्योंकि आपको म्यूचुअल फंड की जानकारी नहीं होती।

तो मैं इसे आसान कर देता हूँ।जब आप अपने बैंक जाते हैं या कोई म्यूचुअल फंड एडवाइजर आपके पास आता है, तो ये आपसे पूछ लेते हैं कि कुछ निवेश करना है।फिर वो आपको कुछ म्यूचुअल फंड निवेश योजनाओं के बारे में बताएंगे।

आपको केवल यहां एक छोटी सी समझदारी बतानी है कि आपको उन्हें आपके निवेश की अवधि बतानी है, जैसे 5 साल या 10 साल।तो आपको वो जो योजना बताएंगे, आपको कहना है कि आप इन्हें एक कागज पर लिख दें ताकि आप घरवालों से चर्चा करके उन्हें बता सकें।

आपके मन में प्रश्न आया होगा कि म्यूचुअल फंड बैंक से क्यों नहीं करवाया।क्योंकि इससे एजेंट और बैंक को जाने वाले कमीशन की बचत होगी।

अगर आप बैंक के माध्यम से निवेश करेंगे, तो वह रेगुलर प्लान होगा जिसमें बैंक वाले या एडवाइजर का 1 से 1.5 प्रतिशत कमीशन होता है।जो आपके म्यूचुअल फंड के रिटर्न को कम कर देगा।

उदाहरण से समझते हैं।smart investment tips

इसके बाद आप उन स्कीम्स में निवेश करने के लिए डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट वाले प्लेटफॉर्म चुन सकते हैबहुत सारे प्लेटफॉर्म ऐसे हैं जो आपको डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट सुविधा देते हैं।

गूगल पर सर्च कर लीजिए, आसानी से मिल जाएंगे।या अगर आपके पास डिमेट ट्रेडिंग अकाउंट है, तो वहां भी आपको डायरेक्ट म्यूचुअल फंड इन्वेस्टिंग का ऑप्शन मिल जाएगा।

बस आपके पास कागज में जो स्कीम लिखी है, उसे सर्च करना है और उसमें रेगुलर की जगह डायरेक्ट प्लान चुनकर आप SIP शुरू कर सकते हैं।

आप जिस म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर रहे हो, उस स्कीम के नाम में “DIRECT” शब्द होता है।जबकि कमीशन वाली स्कीम में “REGULAR” शब्द मिलेगा।आपको “DIRECT” वाली स्कीम ही चुननी है क्योंकि इसमें एजेंट या बैंक को कमीशन नहीं मिलेगा, जिससे आपका रिटर्न बढ़ेगा।

इसके लिए आप अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में स्कीम नाम में “डायरेक्ट” और “रेगुलर” शब्द को देखकर पता लगा सकते हैं।

Smart Investment tips म्यूचुअल फंड के नियम म्यूचुअल फंड SIP और (एकमुश्त) लंपसम के के फायदेमंद सुझाव

अब म्यूचुअल फंड का चुनाव कर लिया तो यहां आपको दो नियम का पालन करना चाहिए जो बहुत आसान हैं।

इनका पालन करने से आपको फायदा होगा।

  • पहला नियम:म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का रिटर्न 15 से 20 प्रतिशत का रिटर्न दिखाने लग जाए, तो आपको SIP बंद करनी है।और इंतजार करना है कि कब मार्केट 500 पॉइंट गिरता है। अगर गिरता है, तो आप लंपसम निवेश कीजिए जिससे आपके म्यूचुअल फंड की NAV रेट का एवरेज सही हो जाएगा।
  • दूसरा नियम: अगर और भी मार्केट गिरता है तो पिछले लंपसम से डबल अमाउंट का लंपसम आपको करना है।जिससे आपका एवरेज और सही होगा। मार्केट गिरने पर और पोर्टफोलियो में लाल लाल दिखने पर घबराना नहीं है।
    • क्योंकि मार्केट एक ट्रेंड में कभी नहीं रहता।पहले बड़ेगा फिर गिरेगा या पहले गिरेगा फिर बड़ेगा। जब मार्केट गिरे, तो आपको एवरेज करना है। और ज्यादा बड़ेगा तो SIP बंद करके कुछ हिस्सा का प्रॉफिट भी बुक कर सकते हैं।
smart investment tips टैक्स के नियमों का फायदा

अगर आप अपने MF को एक साल के अंदर बेचते हो तो प्रॉफिट पर15 प्रतिशत का टैक्स देना होगा

और एक साल के बाद बेचने पर आपको 1,00,000 तक के प्रॉफिट पर कोई टैक्स नहीं देना है।और टैक्स रेट भी 10 प्रतिशत हो जाती है।

म्यूचुअल फंड निवेश पर टैक्स के नियमों को समझने के लिए क्लिक कीजिए।

निष्कर्ष

हमने जाना कि आप म्यूचुअल फंड निवेश को किस प्रकार स्मार्ट इन्वेस्टिंग टिप्स से ज्यादा रिटर्न कमा सकते हो। उम्मीद है आपको लेख पसंद आया होगा।यदि ऐसा है, तो नीचे के लिंक को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर कीजिए। धन्यवाद

अस्वीकृति: लेखक सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार नहीं हैं और न ही हमारा लेख किसी तरह की निवेश सलाह हम्यूचुअल फंड स्कीम शेयर बाजार की जोखिमों के अधीन हैं। इसलिए अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लीजिए।

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