STOCK MARKET SCAMS PUMP AND DUMP को एक कहानी के माध्यम से समझते हैं।
(STOCK MARKET SCAMS PUMP AND DUMP)रामलाल एक प्रसिद्ध व्यापारी है, जिसकी कई कंपनियां और व्यवसाय हैं। हालांकि उसके व्यवसाय का मॉडल ठीक से काम नहीं कर रहा था, उसने अपनी कंपनी का इतना अच्छा प्रचार किया कि लोग उसके व्यवसाय में विश्वास करने लगे।
स्टॉक मार्केट में भी उसके स्टॉक्स अच्छे दाम पर ट्रेड हो रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे, उसके व्यवसाय पर विश्वास घटने लगा और स्टॉक मार्केट प्राइस में गिरावट आने लगी। इसके साथ ही, नियामक एजेंसी भी उसकी जांच कर रही थी और सख्त कार्रवाई करने वाली थी।
रामलाल को पता चलता है कि उसे किस प्रकार का दंड मिल सकता है और उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है। उसे पता था कि वह पहले से ही दिवालिया है और अब यह दंड कैसे चुकाएगा।
इसके लिए, उसने (STOCK MARKET SCAMS PUMP AND DUMP) की एक योजना बनाई और अपने दोस्त से मिला, जो एक प्रमुख लॉबिस्ट और न्यूज़ मीडिया हाउस से भी जुड़ा हुआ था।
अब शुरू होता है एक खेल: अचानक उसकी कंपनी के स्टॉक्स में अपर सर्किट लग जाता है। मीडिया और प्रमुख समाचार पत्र इस पर ध्यान देने लगते हैं और बताते हैं कि रामलाल की कंपनी को श्यामलाल जी से एक बड़ा बिजनेस डील मिल गया है।
जबकि श्यामलाल जी ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस खबर से स्टॉक्स की कीमत अचानक ऊंची हो जाती है और मीडिया में इसका प्रचार होता है।
लेकिन, सामान्य खुदरा निवेशक पूरी खबर नहीं पढ़ते और मान लेते हैं कि यह स्टॉक अच्छा है। वे कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करने लगते हैं। जैसे-जैसे स्टॉक्स की कीमत बढ़ती है, रामलाल अपने स्टॉक्स बेच देता है और खुद बाहर निकल जाता है। रिटेल निवेशक उस स्टॉक में फंसे रह जाते हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
किसी स्टॉक के प्राइस को अनैतिक तरीके से बढ़ाना और खुदरा निवेशकों को उसमें निवेश कराना इसे पंप कहते हैं।जब स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है, तो बड़े निवेशक अपने स्टॉक्स बेच देते हैं जिससे स्टॉक की कीमत गिर जाती है, इसे डंप कहते हैं।इस कहानी से हमने सीखा STOCK MARKET SCAMS PUMP AND DUMP के बारे में ।
अब जानते हैं पंप और डंप वाले स्टॉक्स से कैसे बचें?
1.अधिक मीडिया कवरेज वाले स्टॉक्स से सावधान रहें:-
यदि किसी कंपनी के स्टॉक्स के बारे में बहुत ज्यादा मीडिया कवरेज हो रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि कुछ गड़बड़ हो रही है। ऐसी कंपनियों से दूर रहना बेहतर होता है,या फिर उस कंपनी का फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस से खुद की सूझबूझ से निर्णय लो।
2. मीडिया की विश्वसनीयता:
आजकल, समाचार पत्र और चैनल वही दिखाते हैं जो लोग देखना चाहते हैं। प्रतिष्ठित समाचार पत्र, वेबसाइट, और न्यूज चैनल भी खबरें बिना रिसर्च के प्रकाशित कर देते हैं ।क्योंकि उन्हें यह चिंता रहती है कि उनकी टी.आर.पी. (टी.आर.पी.) न गिर जाए।और कॉपी पेस्ट करके ही खबरें प्रकाशित कर देते हैं, या इसके पीछे यह भी हो सकता है कि मीडिया को मैनेज किया गया हो,और यह खेल बड़े स्तर पर होता है जिसमें प्रतिष्ठित मीडिया हाउस भी शामिल हो सकते हैं।
3. आंख बंद करके विश्वास न करें
यह किसी के फायदे या नुकसान का कारण बन सकता है। और हम लोग कुछ न्यूज चैनल, वेबसाइट या यूट्यूब चैनल पर अंधा विश्वास करते हैं,जबकि पूरा फैक्ट चेक करके निर्णय लेना चाहिए।
निष्कर्ष :-
इससे निष्कर्ष निकलता है कि रिटेल निवेशक को सोच-समझकर या अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह से निवेश निर्णय लेना चाहिए, न कि जो न्यूज़ या टीवी चैनल पर दिख रहा है उसके आधार पर। हालांकि हर मामले में ऐसा नहीं होता, पर अभी के समय में ऐसा ही चल रहा है।
अस्वीकृति:-
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसका किसी संस्था या व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। इसका उद्देश्य केवल लोगों को जागरूक करना है।