बीते बुधवार को भारतीय रुपये की एक्सचेंज रेट डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 84.28 पर बंद हुई थी। क्या होती है एक्सचेंज रेट?

विनिमय दर का अर्थ है कि किसी वस्तु के बदले कितनी वस्तु मिलेगी या दी जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि 1 किलो आम के लिए 50 रुपये देने हैं, तो 1 किलो आम की विनिमय दर 50 रुपये होगी।

इस प्रकार, यदि 1 डॉलर को लेने के लिए 84.28 भारतीय रुपये देने पड़ते हैं, तो यह डॉलर के लिए भारतीय रुपय की विनिमय दर होगी। यह दर प्रतिदिन परिवर्तित होती रहती है।

1991 तक भारतीय रुपये की दर एक निश्चित मूल्य पर आधारित थी, यानी भारत सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा यह दर निर्धारित की जाती थी। मुद्रा के विनिमय दर पर मांग और आपूर्ति का कोई प्रभाव नहीं होता था।

1991 के बाद भारतीय रुपये की एक्सचेंज रेट अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होने लगी, जिसे "फ्री फ्लोटिंग मेथड" कहा जाता है। इस पद्धति में मांग और आपूर्ति के आधार पर विनिमय दरें निर्धारित होती हैं।

हालांकि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारतीय मुद्रा की एक्सचेंज रेट को स्थिर बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते हैं, क्योंकि एक्सचेंज रेट का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है।

किसी भी मुद्रा की एक्सचेंज रेट उस देश की अर्थव्यवस्था का प्रतिबिंब होती है।इसका मतलब है कि जब किसी देश की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है, तो उसकी मुद्रा का मूल्य अन्य मुद्राओं के मुकाबले ज्यादा होता है।

तो हमने सीखा कि मुद्रा की विनिमय दर क्या होती है और यह कैसे निर्धारित होती है।और भी ऐसी जानकारी सरल भाषा में सीखने और जानने के लिए हमारे ब्लॉग पर विज़िट कीजिए, जिसके लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए।