कंपनी अधिनियम के अनुसार कंपनियों के प्रकार एक निवेशक के लिए मायने नहीं रखते, बल्कि शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों को कितने प्रकार में बांटा गया है, यह महत्वपूर्ण है।

निवेशकों के दृष्टिकोण से कंपनियों के 3 प्रकार महत्वपूर्ण हैं: Large Cap, Mid Cap और Small Cap कंपनियाँ।  शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों को इसके आधार पर विभाजित किया गया है।

पहले Large Cap, Mid Cap और Small Cap कंपनियों का विभाजन कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर किया जाता था, पर अब इसके बजाय इंडेक्स में शामिल कंपनियों को उस श्रेणी में माना जाता है।

नई व्यवस्था के अनुसार, Nifty Large Cap Index में टॉप 100 कंपनियाँ हैं, जिनको Large Cap कंपनियाँ कहा जाता है, जिनमें Nifty 50 की 50 कंपनियाँ भी शामिल हैं।

Nifty Mid Cap में 100 से 250 तक की टॉप कंपनियों को शामिल किया जाता है, जिनकी लिस्ट Nifty Mid Cap Index में देखी जा सकती है।

251 से लेकर शेष सभी कंपनियों को Small Cap कंपनियाँ कहा जाता है। शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियाँ, जो Top 1 से 250 तक की लिस्ट में शामिल नहीं हैं, उन्हें Small Cap कंपनियाँ माना जाता है।

बाजार पंजीकरण के आधार पर, 20,000 करोड़ से ज्यादा की कंपनी Large Cap, 5,000 करोड़ से 20,000 करोड़ तक की कंपनी Mid Cap, और 5,000 करोड़ से कम की कंपनी Small Cap कंपनी होती है।

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